आज़ादी कोई उपहार नहीं, एक ज़िम्मेदारी है।
आज़ादी कोई उपहार नहीं, एक ज़िम्मेदारी है।
” करेंसी पर बापू की फोटो
लाल किले पर तिरंगा
सड़क पर भारत माता की जय
और स्कूल में विंध्य हिमाचल यमुना गंगा.
क्या इतनी आजादी काफी है?
क्या सिर्फ इतनी सी आजादी के लिए वह जनेऊधारी कंपनी बाग में अकेला ब्रिटिश फौज से लड़ गया था और वह तेइस साल का सरदार रंग डे बसंती का के फांसी चढ़ गया था
क्या सिर्फ डेढ़ गज कपड़े के लिए नेताजी ने हिटलर को आंख दिखाई थी और बापू ने क्या सिर्फ नोट पर छपने के लिए सीने पर गोली खाई थी
बहुत आंसू बहा लिए वीर गाथाओं पर
बहुत मेरे लगा लिए शहीदों की चिताओं पर अब जरा आगे बढ़ना होगा
We The People वाला पन्ना दोबारा पढ़ना होगा
आजादी व है जो हौसले की चिड़िया बाधाओं का पिंजरा तोड़ दे और का खा गा, ABC से डरना छोड़ दें “
-by Manoj Muntashir.
आजादी वो है जब अंग्रेजी में अभिवादन से पहले नमस्कार और जय हिंद बोला जाए, और सूट पैंट के पहले धोती कुर्ते को प्राथमिकता दी जाए।
और कब तक इतिहास पर जमी धूल माथे पर लगाते रहेंगे. अमर जवान ज्योति को जलाए रखना है तो उसकी जड़ों में नया ईंधन भरना होगा
मनपसंद और सही में से, सही को चुनना होगा
बेखौफ जीना हमारा हक है और यह हक बुनियादी है, घबराओ मत, बढ़ते रहो, बस अगले मोड़ पर, थोड़ा सा आगे, आजादी है.
आज़ादी कोई उपहार नहीं, एक ज़िम्मेदारी है। और यह हमारी जिम्मेदारी है कि राष्ट्रीय ध्वज का अपमान न हो। इस स्वतंत्रता दिवस पर मैं आप सभी से अनुरोध करना चाहता हूं कि गुब्बारे का उपयोग न करें। निसंदेह वे देखने में तो बहुत अच्छे लगते हैं लेकिन पर्यावरण के लिए और खासकर की पर्यावरण के लिए उतने ही हानिकारक हैं।
आप सभी को स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
जय हिंद
जय भारत
Written by:
Kuresh Maheshwari
Head Boy
Class 12th
Batch 2024