सेठ आनंदराम जैपुरिया स्कूल, गाजियाबाद में 18वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया
सेठ आनंदराम जैपुरिया स्कूल के प्रांगण में आज विद्यालय के वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया | कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जर्मन दूतावास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुभाग के प्रमुख ‘श्री कास्पर मेयर ’ थे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में जैपुरिया शैक्षिक संस्थान के अध्यक्ष ‘श्री शिशिर जैपुरिया’ उपस्थित थे | उन्होंने प्रतिभावन विद्यार्थियों को शैक्षिक गतिविधियों तथा विभिन्न उपलब्धियों हेतु बधाई दी एवं विद्यार्थियों की रचनात्मक और कलात्मक प्रस्तुतिकरण को देखकर मन्त्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह पाए। कार्यक्रम का शुभारंभ सम्मानित जनों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। विद्यार्थियों की रचनात्मक प्रतिभा से प्रभावित होकर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ‘श्री कास्पर मेयर’ ने चन्द शब्दों के द्वारा छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि प्रगतिशील समाज के निर्माण में शिक्षा की एक अहम भूमिका है एवं युवावर्ग की विचारधारा को नई दिशा प्रदान करता है।जैपुरिया शैक्षिक संस्थान के अध्यक्ष ‘श्री शिशिर जैपुरिया’ने मुख्य अतिथि, सम्मानित जनों का हार्दिक स्वागत किया और निरंतर विकास एवं प्रगति के मार्ग पर अग्रसर जैपुरिया शैक्षिक संस्थान की निदेशक प्रधानाचार्या ‘श्रीमती शालिनी नाम्बियार’ को बधाई दिया एवं युवावर्ग को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि हमारे देश के युवावर्ग भारतीय संस्कृति एवं आदर्शों को अपना ध्येय मानते हुए विश्व स्तर पर तकनीकी के क्षेत्र में आए अद्भुत बदलाव के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहे हैं। विद्यालयकी प्रधानाचार्या एवं निदेशक ‘श्रीमती शालिनी नाम्बियार ’ने विद्यार्थियों के शैक्षिक, सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधियों में तत्कालीन सत्र की प्राप्त उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए छात्रों एवं शिक्षकों को हार्दिक बधाई दी और इसी प्रकार उन्नति के पथ पर आगे बढने की प्रेरणा दी। उन्होंने उप प्रधानाचार्या ‘श्रीमती चेतना सहगल’ एवं ‘श्रीमती सोनल श्रीवास्तव’ नर्सरी विभागाध्यक्ष , अध्यापकगण व छात्रों के अनुपम प्रयास की सराहना की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ‘श्री कास्पर मेयर ’ने सेठ आनंदराम जैपुरिया स्कूल के द्वारा ‘Envisage- An exhibition showcasing the brilliance of India in 2047 and a depicted in artistic creations by students’ विषय पर आधारित प्रदर्शनी में प्रदर्शित विभिन्न रचनात्मक और कलात्मक प्रस्तुतिकरण को देखकर मन्त्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह पाए और उन्होंने चन्द शब्दों के द्वारा छात्रों की सराहना करते हुए कहा कि प्रगतिशील समाज के निर्माण में शिक्षा की एक अहम भूमिका है एवं यह युवावर्ग की विचारधारा को नई दिशा प्रदान करता है।उन्होंने जोर देते हुए कहा कि छात्र अपने व्यक्तित्व एवं ज्ञान के आधार पर अपने लक्ष्य का चुनाव करे। इस प्रदर्शनी में छात्रों ने २०४७ में भारत अपनी स्वतंत्रता के सौ वर्ष मानते हुए जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन चुका होगा।
इस सांस्कृतिक समारोह का आरम्भ ‘ विष्णु वंदना ’ से किया गया , जिसमें छात्रों ने अपने आराध्य श्री विष्णु के चरणों में श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए नृत्य प्रस्तुत किया। छात्रों ने ‘स्वरांजली ’ नामक संगीतमय कार्यक्रम जिसके अंतर्गत सुरों की देवी श्रीमती लता मंगेशकर जी को श्रधांजलि देते हुए उनके द्वारा गाए हुए ह्रदय स्पंदित करने वाले गीतों को प्रस्तुत किया दशावतारम् ‘ जिसमें विष्णु के दस अवतारों के माध्यम से सह अस्तित्व एवं बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हुए छात्रों ने नत्य नाटिका की प्रस्तुति की।
कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय की उप प्रधानाचार्या श्रीमती चेतना सहगल ’ने वहाँ उपस्थित सभी गणमान्य जनों और अभिभावकों को धन्यवाद किया एवं कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से छात्रों के मस्तिष्क को खुलापन मिलता है जिससे उनकी सोच और निखरती है। उन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रयत्नशील सभी अध्यापक गण एवं छात्रों की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया।
सेठ आनंदराम जैपुरिया स्कूल, गाजियाबाद, दिल्ली एन सी आर क्षेत्र में K-12 शिक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में से एक है। 2004 में अपनी स्थापना के बाद से, स्कूल ने ज्ञान, कौशल, मूल्यों और दृष्टिकोण के मिश्रण के माध्यम से शिक्षार्थियों में शैक्षणिक उत्कृष्टता और समग्र विकास के पोषण के लिए अपनी पहचान बनाई है। एजुकेशन वर्ल्ड 2022-23 द्वारा प्रौद्योगिकी एकीकरण के लिए भारत में स्कूल को प्रथम स्थान पर रखा गया है। टाइम्स स्कूल सर्वे द्वारा जैपुरिया स्कूल को शहर में सर्वोच्च स्थान भी स्थान दिया गया है।
Source – Satta Bandhu
Post Link – https://www.sattabandhu.com/2023/01/18.html
Published on January 29, 2023